UP ECCE Educator Bharti 2025: उत्तर प्रदेश सरकार बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में अब एक और बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 19484 आंगनबाड़ी केंद्रों में “बाल वाटिका” यानी प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। इन कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के लिए ईसीसीई (Early Childhood Care and Education) एजुकेटर की तैनाती की जाएगी। इस निर्णय से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
दो चरणों में होगी एजुकेटर की भर्ती
शासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति दो चरणों में की जाएगी।
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पहले चरण में 10,000 एजुकेटर की भर्ती की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।
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दूसरे चरण में 8800 से अधिक एजुकेटर की नियुक्ति की जाएगी, जिसके लिए प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है।
इस पूरी योजना के लिए शिक्षा मंत्रालय ने लगभग 113 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
किस प्रकार के स्कूलों में होंगी कक्षाएं?
यह एजुकेटर प्रदेश के 19484 आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित होने वाली प्री-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाने का कार्य करेंगे। ये सभी केंद्र सरकारी परिषदीय विद्यालयों से जुड़े हुए आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यहां पर 3 से 6 साल तक के बच्चों की बाल वाटिका के तहत शिक्षा दी जाएगी।
वर्तमान में इन केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल के नोडल शिक्षकों की मदद से पढ़ाई कराई जा रही थी, लेकिन अब विशेष रूप से प्रशिक्षित एजुकेटर नियुक्त किए जाएंगे।
संविदा पर होगी तैनाती, मिलेगा मासिक मानदेय
ये सभी एजुकेटर संविदा (Contract) आधार पर 11 महीने के लिए नियुक्त किए जाएंगे। सरकार द्वारा इनको ₹10,313 प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। इससे न केवल बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि बाल वाटिका की शिक्षा प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी।
एजुकेटर का कार्य क्या होगा?
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि ईसीसीई एजुकेटर का मुख्य कार्य निम्नलिखित होगा:
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3 से 6 साल तक के बच्चों को पूर्व-प्राथमिक (Pre-Primary) शिक्षा देना
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बच्चों की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षा देना
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5-6 साल के बच्चों के लिए निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करना
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बच्चों के विकास संबंधी Child Profile तैयार करना
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अभिभावकों से संवाद कर बच्चों की जरूरतों और व्यवहार के बारे में जानकारी प्राप्त करना
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आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका के रूप में विकसित करना
चयन प्रक्रिया: डीएम की अध्यक्षता में होगी नियुक्ति
एजुकेटर की नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर आठ सदस्यीय चयन समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति की अध्यक्षता संबंधित जिले के जिलाधिकारी (DM) करेंगे। समिति में शामिल अन्य अधिकारी होंगे:
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डायट प्राचार्य
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बेसिक शिक्षा अधिकारी
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जिला कार्यक्रम अधिकारी
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जिला सेवायोजन अधिकारी
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महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी आदि
यह समिति पूरी चयन प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराएगी।
शैक्षिक योग्यता क्या होगी?
ईसीसीई एजुकेटर बनने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए:
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स्नातक (Graduation) गृह विज्ञान विषय के साथ कम से कम 50% अंक
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नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) / सीटी नर्सरी डिप्लोमा (2 वर्षीय)
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कोई अन्य संपर्क योग्यता जो अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन से संबंधित हो
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अधिकतम आयु सीमा: 40 वर्ष
इन योग्यताओं को पूरा करने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन के पात्र होंगे।
बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कदम
राज्य सरकार का यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने वाला है। 3 से 6 वर्ष की आयु बच्चों के मानसिक विकास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय पर उचित मार्गदर्शन और शिक्षा उन्हें जीवन में एक मजबूत आधार देती है।
बाल वाटिका योजना के अंतर्गत योग्य और प्रशिक्षित एजुकेटरों की नियुक्ति से बच्चों को एक संरचित और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा मिलेगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उद्देश्यों को भी पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में है, बल्कि इससे लाखों बच्चों को बेहतर भविष्य की नींव मिलेगी। साथ ही यह निर्णय युवाओं के लिए रोजगार का एक सुनहरा अवसर भी बनकर आया है। अगर आप भी आवश्यक योग्यता रखते हैं तो इस योजना का हिस्सा बनकर समाज निर्माण में योगदान दे सकते हैं।
नोट: इस लेख का उद्देश्य पाठकों को सूचना प्रदान करना है। अधिक जानकारी और आवेदन की प्रक्रिया के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें या संबंधित जिले के शिक्षा अधिकारी से संपर्क करें।