School Holidays Extended: उत्तर प्रदेश में गर्मी का कहर लगातार जारी है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश के प्राइमरी स्कूल अब 1 जुलाई 2025 से खुलेंगे। पहले यह स्कूल 16 जून को ही खुल गए थे, लेकिन बच्चों के लिए स्कूल आने की अनिवार्यता 30 जून तक हटा दी गई है। इस फैसले से लाखों बच्चों और उनके अभिभावकों को राहत मिली है।
शिक्षकों को स्कूल आना जरूरी
हालांकि बच्चों को छुट्टी दी गई है, लेकिन शिक्षकों को स्कूल में उपस्थित रहना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद ने शिक्षकों को यह निर्देश दिया है कि वे स्कूल में आकर प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों को पूरा करें। इनमें नामांकन, रिकॉर्ड अपडेट, और सत्र की पूर्व तैयारियां शामिल हैं। शिक्षकों को कुछ कार्य ऑनलाइन मोड में करने की भी अनुमति दी गई है, ताकि काम भी हो और गर्मी से भी राहत मिल सके।
ऑनलाइन मोड से काम में आसानी
गर्मी को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को ऑनलाइन काम करने की छूट दी है। शिक्षक अब नामांकन की प्रक्रिया, स्टूडेंट रिकॉर्ड अपडेट और क्लास की तैयारी जैसे कार्य डिजिटल माध्यम से कर सकेंगे। यह कदम न केवल शिक्षकों की सुविधा के लिए है बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी सुचारू बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
स्कूल का समय बदला गया
उत्तर प्रदेश में बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में भी बदलाव किया गया है। अब प्राइमरी स्कूल सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक ही संचालित होंगे। इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षकों और बच्चों को दोपहर की तीव्र गर्मी से बचाना है। गर्मी के मौसम में यह निर्णय बहुत ही आवश्यक और स्वागत योग्य है।
1 जुलाई से शुरू होगा नया सत्र
उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि स्कूलों का नियमित नया शैक्षणिक सत्र अब 1 जुलाई 2025 से शुरू होगा। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लास, वीडियो लेक्चर और होमवर्क के माध्यम से पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी।
शिक्षक संघ की मांग हुई पूरी
उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ की यह पुरानी मांग थी कि शैक्षणिक सत्र 1 जुलाई से शुरू किया जाए। उनका मानना था कि अप्रैल और मई की गर्मी में बच्चों की उपस्थिति काफी कम हो जाती है, जिससे पढ़ाई और नामांकन दोनों प्रभावित होते हैं। अब सरकार द्वारा इस मांग को स्वीकार किए जाने से उम्मीद है कि बच्चों की उपस्थिति बेहतर होगी और नामांकन भी बढ़ेगा।
ऑनलाइन पढ़ाई को प्राथमिकता
गर्मी की स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई को प्राथमिकता दी गई है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर, होमवर्क और वर्कशीट की व्यवस्था करें, ताकि बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखा जा सके। इससे वे स्कूल के माहौल से पूरी तरह कट नहीं पाएंगे और पढ़ाई में भी पिछड़ेंगे नहीं।
अभिभावकों को मिली राहत
गर्मी के कारण कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से हिचकिचा रहे थे। ऐसे में यह फैसला उनके लिए भी राहतभरा है। सुबह के समय स्कूल खुलने से बच्चों को दोपहर की गर्मी से बचाया जा सकेगा और अभिभावकों की चिंता भी कम होगी।
स्कूलों में सुधारी जा रही सुविधाएं
यूपी सरकार ने स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम तेज कर दिया है। पंखे, कूलर और साफ पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन टीचिंग की ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जिससे वे बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें।
मौसम के अनुसार बदलेगा शेड्यूल
सरकार की योजना है कि भविष्य में स्कूलों के सत्र और समय को मौसम के अनुसार लचीला बनाया जाए। इससे बच्चों की पढ़ाई मौसम के प्रभाव से बाधित नहीं होगी। गर्मी, बारिश और ठंड जैसे मौसम में स्कूलों के समय और सत्र में बदलाव की शुरुआत इस बार से हो चुकी है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई दोनों को ध्यान में रखकर लिए गए हैं। गर्मी के कारण बच्चों को स्कूल न बुलाना, ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देना, और शिक्षकों को जरूरी कामों के लिए ऑनलाइन विकल्प देना एक सराहनीय प्रयास है। उम्मीद है कि आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था और अधिक लचीली और प्रभावी बनेगी, जिससे हर बच्चे को बेहतर शिक्षा का अवसर मिल सकेगा।