School Holidays 2025: भारत में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जून के अंत तक भी देश के कई राज्यों में तापमान सामान्य से कहीं अधिक बना हुआ है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि अब 10 जुलाई 2025 तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रखने की मांग तेजी से उठ रही है। यह मांग न सिर्फ अभिभावकों द्वारा की जा रही है, बल्कि स्कूलों के प्रधानाचार्य और शिक्षक भी सरकार से इस संबंध में अपील कर चुके हैं।
इससे पहले 30 जून तक स्कूल बंद रखने का सरकारी आदेश जारी हुआ था, लेकिन गर्मी की स्थिति में कोई खास बदलाव न होने के कारण छुट्टियां बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह फैसला किन राज्यों पर लागू हो सकता है और इसके पीछे की वजहें क्या हैं।
भीषण गर्मी से बच्चों की सेहत पर असर
उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में जून महीने के आखिरी सप्ताह तक लू चलती रही और दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। कई जगहों पर हीटवेव (लू) की स्थिति बनी हुई है, जिससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
गर्मी के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिली हैं। कई स्कूलों में ऐसे मामलों की सूचना भी मिली है। यही कारण है कि अभिभावकों ने सरकार से 10 जुलाई तक छुट्टियां बढ़ाने की गुजारिश की है।
30 जून तक पहले ही जारी हो चुका है अवकाश
भारत के कई राज्यों में गर्मी की वजह से पहले ही 30 जून तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया था। इस आदेश के अनुसार सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद किया गया था ताकि बच्चों को इस भयंकर गर्मी से सुरक्षित रखा जा सके।
हालांकि जैसे ही 1 जुलाई से स्कूल दोबारा खोलने की तैयारियां शुरू हुईं, तब तक गर्मी का असर और बढ़ गया, जिससे फिर से स्कूल खोलना संभव नहीं दिख रहा।
10 जुलाई तक स्कूल बंद रखने की मांग तेज
जैसे-जैसे तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, स्कूल प्रशासन और अभिभावक सरकार से लगातार संपर्क कर रहे हैं। स्कूल प्रधानाचार्यों का कहना है कि गर्मी के इस प्रकोप में बच्चों को स्कूल बुलाना ठीक नहीं, क्योंकि न तो सभी स्कूलों में पर्याप्त कूलिंग सिस्टम है और न ही हर बच्चे के पास गर्मी से बचाव का साधन है।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में यह मांग अधिक तेजी से उठ रही है। ऐसे में अब राज्य सरकारों के स्तर पर बैठकें हो रही हैं ताकि एक उचित निर्णय लिया जा सके।
क्या कहती है सरकार?
फिलहाल सरकार की ओर से इस पर कोई अंतिम घोषणा नहीं की गई है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि मौसम विभाग की रिपोर्ट और स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए जल्द फैसला लिया जाएगा।
संभावना जताई जा रही है कि यदि तापमान में गिरावट नहीं आती है तो अधिकांश जिलों में स्कूल 10 जुलाई तक बंद रह सकते हैं।
अलग-अलग राज्यों में स्थिति
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उत्तर प्रदेश: लखनऊ, कानपुर, वाराणसी जैसे शहरों में तापमान 44 डिग्री के पार है। कई जिलों में स्थानीय अधिकारियों ने स्कूल न खोलने का सुझाव दिया है।
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बिहार: पटना, गया, भागलपुर जैसे शहरों में लू का प्रकोप है। जिलास्तर पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
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राजस्थान: जयपुर, बीकानेर और जोधपुर में गर्म हवाओं के चलते स्कूल प्रशासन ने छुट्टी बढ़ाने की मांग की है।
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झारखंड और मध्य प्रदेश में भी स्थिति समान है। यहां पर भी मौसम विभाग की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
स्कूल कब खुलेंगे?
स्कूल कब खुलेंगे, इसका निर्णय स्थानीय मौसम और तापमान के आधार पर लिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के निर्देश पर संबंधित जिलों में स्कूल खुलने या बंद रहने का नोटिस जारी किया जाएगा। इसलिए अभिभावकों से अपील की जाती है कि वे अपने स्थानीय विद्यालय या शिक्षा कार्यालय से जानकारी प्राप्त करें।
निष्कर्ष
भीषण गर्मी के बीच बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है। शिक्षा जितनी महत्वपूर्ण है, उससे अधिक जरूरी है स्वास्थ्य। अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा की गई मांग जायज है और सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए। जब तक आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तब तक अभिभावक अपने बच्चों को सुरक्षित रखें, घर पर ठंडी चीजें दें और उन्हें धूप से बचाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। स्कूल की छुट्टियों से संबंधित किसी भी अंतिम निर्णय की जानकारी के लिए कृपया अपने स्थानीय शिक्षा विभाग या स्कूल प्रशासन से संपर्क करें।