Sainik School Food Menu: भारत में सैनिक स्कूल एक ऐसी व्यवस्था है, जहां देश के युवाओं को न केवल अच्छी शिक्षा बल्कि अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति की भावना के साथ तैयार किया जाता है। यहां पढ़ने वाले बच्चे आवासीय होते हैं यानी वे स्कूल में ही रहते, पढ़ते और खाते हैं। ऐसे में उनके खाने-पीने की जिम्मेदारी भी स्कूल की होती है। बच्चों की सेहत और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए सैनिक स्कूल में उन्हें एक संतुलित और पौष्टिक डाइट दी जाती है।
हर सैनिक स्कूल का अपना मेन्यू होता है जो उसकी लोकेशन और क्षेत्रीय भोजन परंपराओं के अनुसार तय किया जाता है। साथ ही मौसम और बच्चों की पसंद को भी ध्यान में रखा जाता है।
सैनिक स्कूल का डेली रूटीन और खानपान की भूमिका
सैनिक स्कूलों में बच्चों का डेली रूटीन काफी अनुशासित होता है। सुबह 5 बजे उठने से लेकर रात 10:30 बजे सोने तक का हर समय तय होता है। इस रूटीन में पढ़ाई के साथ-साथ फिजिकल ट्रेनिंग, खेलकूद, परेड और अन्य गतिविधियां शामिल होती हैं। ऐसे में बच्चों को लगातार ऊर्जा और पोषण की जरूरत होती है। इसलिए सैनिक स्कूलों का भोजन सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि हेल्दी और बैलेंस्ड भी होता है।
कौन तय करता है मेन्यू?
सैनिक स्कूलों में खाने का मेन्यू “मेस कमेटी” बनाती है। इस कमेटी में स्कूल के शिक्षक, मेस मैनेजर और कुछ जगहों पर खुद छात्रों के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। यह कमेटी समय-समय पर मीटिंग करके मेन्यू में बदलाव करती है। खाने की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए स्कूल प्रशासन और मेस प्रबंधन हमेशा एक्टिव रहते हैं।
सैनिक स्कूल सोसाइटी और रक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार ही भोजन तैयार किया जाता है। मेन्यू बनाते समय प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, स्वाद और क्षेत्रीय खानपान का विशेष ध्यान रखा जाता है।
क्षेत्र के अनुसार खानपान में विविधता
भारत में कुल 33 सैनिक स्कूल हैं और हर स्कूल अपने राज्य की खाद्य परंपराओं के अनुसार बच्चों को भोजन प्रदान करता है। जैसे दक्षिण भारत के स्कूलों में इडली, डोसा, सांभर जैसे व्यंजन होते हैं, वहीं उत्तर भारत के स्कूलों में रोटी, दाल, सब्जी, पराठा आदि प्रमुख रहते हैं।
आइए दो प्रमुख सैनिक स्कूलों – खारा खेड़ी (हरियाणा) और श्रीगंगानगर (राजस्थान) के साप्ताहिक मेन्यू से उदाहरण लेकर देखें कि बच्चों को क्या-क्या परोसा जाता है।
सैनिक स्कूल खारा खेड़ी (हरियाणा) का साप्ताहिक मेन्यू
सोमवार:
नाश्ता – उपमा या मैकोरॉनी, दूध
लंच – पालक कोफ्ता/कढ़ी पकौड़ा/काले चने, मौसमी सब्जी, रोटी, चावल, सलाद
डिनर – दाल, मौसमी सब्जी, रोटी, चावल, खीर, दूध
मंगलवार:
नाश्ता – सादा/प्याज पराठा, सब्जी या दही या दूध
लंच – मटर मसाला/दाल, मौसमी सब्जी, जीरा राइस, रायता
डिनर – पालक पनीर, दाल, रोटी, चावल, रसगुल्ला
बुधवार:
नाश्ता – पाव भाजी या खिचड़ी, दूध
लंच – राजमा, मौसमी सब्जी, रोटी, मटर चावल, सलाद
डिनर – दाल, सब्जी, रोटी, फ्रूट कस्टर्ड, दूध
गुरुवार:
नाश्ता – पूड़ी, सब्जी और दूध
लंच – दाल मखनी, मंचूरियन, पुलाव, सलाद
डिनर – मलाई चाप, रोटी, सेंवई की खीर, दूध
शुक्रवार:
नाश्ता – सैंडविच, हॉर्लिक्स दूध
लंच – कढ़ी, मौसमी सब्जी, रोटी, चावल, रायता
डिनर – मिक्स वेज, दाल, खीर और दूध
शनिवार:
नाश्ता – खिचड़ी, दही/दूध
लंच – छोले, मिक्स वेज, पूड़ी/रोटी, फ्राइड राइस
डिनर – शाही पनीर, दाल, हलवा
रविवार:
नाश्ता – आलू/गोभी पराठा, दूध
लंच – वेज बिरयानी, भटूरे, सफेद मटर
डिनर – गुलाब जामुन, दूध, दाल, सब्जी
सैनिक स्कूल श्रीगंगानगर (राजस्थान) का साप्ताहिक मेन्यू
सोमवार:
नाश्ता – पाव भाजी, दूध
लंच – राजमा, मटर पनीर, जीरा राइस
डिनर – दाल तड़का, गाजर मटर, पापड़
मंगलवार:
नाश्ता – इडली, सांभर, ब्रेड
लंच – पूड़ी छोले, मसाला आलू
डिनर – मूंग दाल, मिक्स वेज, रोटी
बुधवार:
नाश्ता – पोहा, दूध
लंच – दम आलू, राजवाड़ी दाल, लेमन राइस
डिनर – अरहर दाल, सेव टमाटर, रोटी
गुरुवार:
नाश्ता – समोसा, ब्रेड जैम
लंच – गुजराती कढ़ी, काले चने, मौसमी सब्जी
डिनर – दाल फ्राई, मलाई मेथी मटर
शुक्रवार:
नाश्ता – ग्रिल्ड सैंडविच, दूध
लंच – कड़ाही पनीर, वेज राइस
डिनर – मसूर दाल, वेज बिरयानी
शनिवार:
नाश्ता – सूजी टोस्ट, कटलेट
लंच – मूंग दाल, लेमन राइस
डिनर – कॉर्न पालक, जीरा राइस
रविवार:
नाश्ता – आलू पराठा, हॉर्लिक्स दूध
लंच – बेसन गट्टा, गाजर मटर
डिनर – सरप्राइज डिनर
निष्कर्ष
सैनिक स्कूलों में बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है, बल्कि उनके पोषण और स्वास्थ्य का भी खास ख्याल रखा जाता है। वहां का भोजन पूरी तरह संतुलित, स्वादिष्ट और क्षेत्रीयता से जुड़ा होता है। इससे न सिर्फ उनका शारीरिक विकास होता है, बल्कि वे अपने क्षेत्र की परंपराओं से भी जुड़े रहते हैं। यह संपूर्ण व्यवस्था बच्चों को एक अनुशासित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देती है।