NCTE New Guidelines 2025: अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में B.Ed और D.El.Ed कोर्स को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो 2025 से लागू होंगे। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और भावी शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देना।
NCTE का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि क्या हैं ये नए नियम और इनसे छात्रों व शिक्षा जगत को क्या लाभ होंगे।
1. अब B.Ed और D.El.Ed साथ में नहीं कर सकेंगे
पहले कई छात्र B.Ed और D.El.Ed दोनों कोर्स एक साथ कर लेते थे ताकि समय की बचत हो और जल्दी नौकरी मिल सके। लेकिन अब NCTE ने इस पर सख्त रोक लगा दी है। अब कोई भी छात्र एक समय में सिर्फ एक ही कोर्स कर सकेगा।
इस फैसले का उद्देश्य यह है कि छात्र किसी एक कोर्स पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करें ताकि वे उस क्षेत्र में बेहतर ज्ञान और कौशल प्राप्त कर सकें।
2. प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर विशेष जोर
नए नियमों के अनुसार अब छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल अनुभव भी अनिवार्य रूप से लेना होगा। यानी छात्रों को स्कूलों में जाकर इंटरनशिप करनी होगी, जिसमें वे असली कक्षा में बच्चों को पढ़ाना सीखेंगे।
इससे छात्रों को स्कूल के वातावरण का अनुभव मिलेगा और वे एक आत्मविश्वासी और व्यवहारिक शिक्षक के रूप में तैयार होंगे।
3. केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों में ही मिलेगा दाखिला
अब B.Ed और D.El.Ed कोर्स केवल उन्हीं कॉलेजों या संस्थानों में किए जा सकेंगे जिनकी मान्यता NCTE से प्राप्त हो। इससे छात्रों को फर्जी और घटिया शिक्षा देने वाले कॉलेजों से बचने में मदद मिलेगी।
इस नियम का मकसद है कि सभी भावी शिक्षक केवल गुणवत्ता आधारित संस्थानों से प्रशिक्षित हों, जिससे पूरे देश में शिक्षक स्तर में सुधार हो सके।
4. प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू जरूरी
अब B.Ed और D.El.Ed कोर्स में सीधा दाखिला नहीं होगा। छात्रों को पहले लिखित परीक्षा पास करनी होगी, और फिर इंटरव्यू देना होगा। इसके साथ ही उम्मीदवारों को हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना चाहिए और बेसिक कंप्यूटर स्किल भी अनिवार्य कर दी गई है।
आज के समय में शिक्षा में तकनीक की भूमिका बढ़ गई है, इसलिए शिक्षकों को डिजिटल टूल्स का प्रयोग करना आना चाहिए। यह बदलाव उसी दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है।
5. उम्र सीमा और कोर्स की अवधि
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B.Ed कोर्स के लिए आयु सीमा:
न्यूनतम – 21 वर्ष
अधिकतम – 35 वर्ष (आरक्षित वर्गों को छूट) -
D.El.Ed कोर्स के लिए भी समान नियम लागू होंगे।
कोर्स की अवधि संस्थानों के अनुसार एक से दो वर्ष तक हो सकती है। इससे छात्र अपनी सुविधा अनुसार कोर्स चुन सकेंगे और अधिक लचीलापन मिलेगा।
6. ITEP जैसे एकीकृत कोर्स होंगे भविष्य की नींव
NCTE ने ITEP (Integrated Teacher Education Programme) जैसे कोर्स भी शुरू किए हैं, जो छात्रों को एक साथ विषय और शिक्षक प्रशिक्षण दोनों प्रदान करते हैं। इससे चार साल में ही छात्र एक कुशल शिक्षक बन सकते हैं।
ITEP कोर्स में समय की बचत के साथ ही आधुनिक और तकनीकी रूप से सक्षम शिक्षकों को तैयार करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी बदलाव है।
7. छात्रों के लिए यह क्यों जरूरी बदलाव है?
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अब छात्र सही संस्थानों में पढ़ाई कर पाएंगे।
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असली कक्षा का अनुभव मिलने से वे अच्छे शिक्षक बन सकेंगे।
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दोनों कोर्स एक साथ न करने की नीति से गहराई से पढ़ाई संभव होगी।
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लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए योग्य उम्मीदवारों का ही चयन होगा।
निष्कर्ष
NCTE द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश शिक्षक शिक्षा को एक नई दिशा देने वाले हैं। अब छात्र केवल प्रमाणपत्र लेने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि वास्तविक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करके शिक्षक बनेंगे। इससे देश को बेहतर शिक्षक मिलेंगे और शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी।
जो भी छात्र भविष्य में शिक्षक बनना चाहते हैं, उन्हें इन नए नियमों की पूरी जानकारी रखना बेहद जरूरी है और अपने करियर की योजना उसी अनुसार बनानी चाहिए।
📌 महत्वपूर्ण सूचना:
उपरोक्त जानकारी शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। अधिकृत और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया NCTE की आधिकारिक वेबसाइट (https://ncte.gov.in) पर अवश्य जाएं।