Govt School NEET Coaching: बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी और सराहनीय पहल की है, जिसका सीधा लाभ राज्य के लाखों सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा। इस योजना के तहत अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को नीट (NEET), आईआईटी-जेईई (IIT-JEE), एनडीए (NDA), ओलंपियाड और एसएससी (SSC) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर महीने विशेष स्टडी मटेरियल प्रदान किया जाएगा। यह एक नई शुरुआत है, जिसे बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा लागू किया जा रहा है।
छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का मिलेगा समान अवसर
अब तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को प्राइवेट कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता था, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए संभव नहीं होता। लेकिन अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी नीट, जेईई, एनडीए और अन्य उच्च स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी स्कूल स्तर पर ही कर सकेंगे। इसका सीधा लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो प्रतिभाशाली हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते।
हर महीने मिलेगा उच्च गुणवत्ता वाला स्टडी मटेरियल
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) इस स्टडी मटेरियल को तैयार करेगी, जिसमें विषय वस्तु को इस प्रकार से डिजाइन किया जाएगा कि छात्रों को पाठ्यपुस्तक की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का भी अनुभव मिल सके। यह सामग्री हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी और हर महीने की 25 तारीख को स्कूलों में पहुंचा दी जाएगी।
इस मटेरियल में निम्नलिखित विषय शामिल होंगे:
-
नीट बूस्टर एमसीक्यू
-
मस्ट नो एनसीईआरटी पॉइंट्स
-
स्टैटिक जनरल नॉलेज (GK)
-
उन्नत भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान की समस्याएं
-
खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े तथ्य
-
पुरस्कार और सम्मान से जुड़ी जानकारी
-
बिहार का इतिहास और संस्कृति: महत्वपूर्ण तथ्य
हर अंक को एक केंद्रीय विषय के इर्द-गिर्द तैयार किया जाएगा जैसे कि विश्व इतिहास, समसामयिक घटनाएं, विश्व राजनीति और करियर मार्गदर्शन। इससे छात्रों की सामान्य जागरूकता भी बढ़ेगी और वे एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में अग्रसर होंगे।
शिक्षकों की भी होगी अहम भूमिका
सिर्फ मटेरियल देने से ही काम पूरा नहीं होगा, बल्कि इसे पढ़ाने और छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए स्कूलों के शिक्षक भी इसमें भाग लेंगे। शिक्षक बच्चों को अभ्यास कराएंगे, कठिन प्रश्नों को हल कराएंगे और तैयारी की सही दिशा दिखाएंगे। इससे बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरणा मिलेगी।
पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए भी स्टडी मटेरियल
यह योजना सिर्फ उच्च कक्षाओं तक सीमित नहीं है। पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को भी हर महीने उनकी कक्षा और उम्र के अनुसार शिक्षण सामग्री दी जाएगी। इस सामग्री में कहानियां, सामान्य ज्ञान, संचार कौशल से जुड़ी गतिविधियां और प्रेरक व्यक्तित्वों की जानकारी शामिल होगी। खासकर पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए महान वैज्ञानिकों के बचपन की कहानियां तैयार की जाएंगी जो उन्हें प्रेरणा देंगी और जिज्ञासु बनाएंगी।
शिक्षा में समानता और गुणवत्ता की ओर एक मजबूत कदम
इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की दूरी को कम करना है। जहां एक ओर निजी स्कूलों के छात्रों को कोचिंग और एक्स्ट्रा मटेरियल की सुविधा आसानी से मिल जाती है, वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चों को यह सुविधा पहली बार मिल रही है। इससे शिक्षा में समानता आएगी और छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा का अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष
बिहार सरकार की यह पहल राज्य में शिक्षा की दिशा और दशा बदलने की क्षमता रखती है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों को अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का सुनहरा अवसर मिलेगा। यह केवल शिक्षा का एक नया अध्याय नहीं है, बल्कि भविष्य के डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और सेना अधिकारी तैयार करने का एक मजबूत आधार भी है।
अगर इस योजना को ईमानदारी और गंभीरता से लागू किया गया, तो न केवल बिहार, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी यह एक प्रेरणा बन सकती है। अब जरूरत है छात्रों, शिक्षकों और प्रशासन के समन्वय की ताकि इस ऐतिहासिक पहल का पूर्ण लाभ हर योग्य छात्र तक पहुंचे और वह अपने सपनों को साकार कर सके।