JoSAA Counselling 2025: जेईई मेन 2025 की परीक्षा में इस बार रिकॉर्ड 14.75 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। अब ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) काउंसलिंग के दूसरे राउंड के नतीजे जारी हो चुके हैं, और इस बार सीट अलॉटमेंट में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। खास बात यह रही कि इस बार 13 लाख से भी अधिक रैंक लाने वाले उम्मीदवार को भी एनआईटी की बीटेक सीट मिली है, जो अब तक की सबसे निचली रैंक मानी जा रही है।
सीट अलॉटमेंट में ऐतिहासिक गिरावट
JoSAA काउंसलिंग 2025 के तहत IIT, NIT, IIIT और GFTI जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। जेईई एडवांस्ड के माध्यम से जहां IIT में एडमिशन हो रहा है, वहीं जेईई मेन के आधार पर NIT, IIIT और GFTI में दाखिला दिया जा रहा है। काउंसलिंग के दूसरे राउंड में सीट अलॉटमेंट को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वे छात्रों और अभिभावकों को हैरान करने वाले हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, सीट अलॉटमेंट में इस बार रैंक की सीमा काफी नीचे खिसक गई है। इसका मुख्य कारण है कि कुछ कॉलेजों और ब्रांचों में कम डिमांड है, वहीं कुछ राज्यों के होम स्टेट कोटे का लाभ भी कई उम्मीदवारों को मिला है।
एनआईटी मिजोरम में 13 लाख से ज्यादा रैंक पर मिला एडमिशन
कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलर अमित आहूजा ने बताया कि होम स्टेट कोटे के तहत एनआईटी मिजोरम में ओपन कैटेगरी और जेंडर न्यूट्रल सीट पर 1314967 रैंक लाने वाले उम्मीदवार को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की सीट ऑफर की गई है। इसी संस्थान में फीमेल पूल कोटे के तहत 1210797 रैंक लाने वाली छात्रा को मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग में चार वर्षीय बीटेक कोर्स में सीट मिली है।
जबकि जेईई मेन 2025 में कुल 14.75 लाख छात्रों ने भाग लिया था, जो दर्शाता है कि अंतिम रैंक वाले छात्रों को भी कहीं न कहीं एडमिशन का मौका मिल रहा है।
IIT में भी बदली कट ऑफ रैंक
IIT में बीटेक की सीटों के लिए जेईई एडवांस्ड की 16642 रैंक तक छात्रों को ओपन कैटेगरी में दाखिला मिला है। वहीं आर्किटेक्चर कोर्स के लिए BHU वाराणसी में जेंडर न्यूट्रल सीट पर 19141 रैंक पर एडमिशन हुआ है, जबकि फीमेल पूल कोटे के तहत 26381 रैंक पर भी छात्रा को सीट अलॉट की गई है।
ड्यूल डिग्री बीएसएमएस कोर्स की बात करें तो IIT धनबाद में 25549 रैंक पर छात्रा को फिजिकल साइंस में पांच वर्षीय बीएसएमएस प्रोग्राम में सीट मिली है। इसी तरह 15917 रैंक पर IIT जम्मू में मटेरियल इंजीनियरिंग की सीट मिली है।
ड्यूल वैरिफिकेशन प्रक्रिया भी जारी
Amit Ahuja के अनुसार जिन उम्मीदवारों को दूसरे राउंड में पहली सीट के मुकाबले बेहतर विकल्प मिला है, उनके डॉक्यूमेंट्स को दोबारा वैरिफाई किया जा रहा है। इसे ड्यूल वैरिफिकेशन कहा जा रहा है। यह प्रक्रिया तब होती है जब कोई उम्मीदवार IIT से NIT या NIT से IIT में शिफ्ट होता है।
हालांकि, जिन उम्मीदवारों ने पहले ही फ्लोट या स्लाइड विकल्प चुना था और उन्हीं संस्थानों के बीच ब्रांच बदली है, उनके डॉक्यूमेंट्स को फिर से अपलोड करने की जरूरत नहीं है। उनकी नई सीट पहले से वेरीफाई किए गए डॉक्यूमेंट्स के आधार पर कंफर्म कर दी गई है।
अन्य NIT में कट ऑफ रैंक
JoSAA Counselling 2025 के दूसरे राउंड में कुछ अन्य NIT की भी कट ऑफ रैंक पर नज़र डालें:
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NIT अरुणाचल प्रदेश: 56121 रैंक पर बायो साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग की सीट अदर स्टेट कोटे के तहत अलॉट हुई।
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NIT मणिपुर: 68893 रैंक पर सिविल इंजीनियरिंग की सीट फीमेल पूल कोटे में दी गई।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कुछ राज्यों के NIT में सीटें भरने के लिए काफी निचली रैंक तक जाना पड़ा है। आने वाले काउंसलिंग राउंड्स में यह रैंक और नीचे जा सकती है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष कम डिमांड वाले ब्रांचों और कम लोकप्रिय स्थानों पर स्थित संस्थानों में सीटें भरने के लिए JoSAA को काफी नीचे तक की रैंक वाले छात्रों को एडमिशन देना पड़ा है। साथ ही, कोविड के बाद से छात्रों में ब्रांच व लोकेशन को लेकर प्राथमिकताएं बदल गई हैं, जिससे कुछ सीटें खाली रह जाती हैं।
निष्कर्ष
JoSAA काउंसलिंग 2025 ने इस बार ऐसे रुझान दिखाए हैं जो अब तक की काउंसलिंग प्रक्रिया में बहुत कम देखने को मिले थे। 13 लाख से अधिक रैंक पर NIT में बीटेक सीट मिलना यह दर्शाता है कि छात्रों के लिए अवसरों की कमी नहीं है, बशर्ते वे विकल्पों को समझदारी से चुनें। आने वाले राउंड्स में यह स्थिति और भी बदलेगी, जिससे निचली रैंक लाने वाले छात्रों को भी अच्छे संस्थानों में पढ़ाई का अवसर मिल सकता है।
अतः यदि आपकी रैंक अपेक्षित नहीं भी है, तो भी JoSAA की काउंसलिंग में भाग लेकर अपने लिए एक बेहतर भविष्य की राह बनाई जा सकती है।