School Reopen 2025: गर्मियों की छुट्टियों के बाद अब स्कूल फिर से खुलने वाले हैं, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग ने स्कूलों के संचालन को लेकर विशेष तैयारी और सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लुधियाना जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूल 1 जुलाई 2025 से दोबारा शुरू होंगे। इसके लिए ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों को कई जरूरी आदेश दिए गए हैं, ताकि छात्र एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में पढ़ाई की शुरुआत कर सकें।
स्कूल खुलने से पहले जरूरी सफाई का आदेश
शिक्षा विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि सभी स्कूलों की इमारतें 1 जुलाई से पहले पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित होनी चाहिए। इसके तहत प्रत्येक कक्षा-कक्ष की गहरी सफाई, मकड़ी के जाले हटाना, छतों पर जमी घास को हटाना और छतों की साफ-सफाई शामिल है। यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि बच्चों को एक स्वच्छ और प्रेरणादायक वातावरण मिले।
पीने के पानी की शुद्धता सर्वोपरि
बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि सभी स्कूलों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए। इसके लिए स्कूलों के वाटर कूलर और पानी की टंकियों की क्लोरीनेशन (Chlorination) अनिवार्य रूप से कराई जाए। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह सीधे तौर पर छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है।
मिड-डे मील की रसोई और खाद्यान्न की सफाई
मध्यान्ह भोजन (Mid-Day Meal) बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि मिड-डे मील तैयार करने वाले रसोईघर की नियमित और गहन सफाई की जाए। साथ ही, बर्तनों और भंडारण स्थान की सफाई पर भी जोर दिया गया है। इसमें खासतौर पर चावल, दाल जैसी सूखी सामग्री की जांच करने को कहा गया है ताकि उसमें कीड़े या गंदगी न हो।
टॉयलैट्स की सफाई और कीटनाशक छिड़काव अनिवार्य
स्वस्थ स्कूल वातावरण के लिए शौचालयों की सफाई को भी प्राथमिकता दी गई है। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि शौचालयों में फिनाइल और कीटनाशकों का छिड़काव किया जाए। इससे न सिर्फ स्वच्छता बनी रहेगी, बल्कि संक्रमण की संभावनाएं भी खत्म होंगी। शिक्षक और छात्र दोनों को स्वच्छ शौचालय की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
फर्नीचर, पंखों और रोशनी की स्थिति सुधारने के निर्देश
स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि कक्षाओं में मौजूद डेस्क-बेंच, पंखे और लाइटिंग सिस्टम की जांच कर उनकी मरम्मत करवाई जाए। छात्रों को बेहतर वेंटिलेशन और रोशनी मिले, यह सुनिश्चित करना सभी स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी। अगर कोई पंखा या लाइट खराब है, तो उसे तुरंत दुरुस्त कराया जाए।
छात्रों का स्वागत गर्मजोशी से हो
शिक्षा विभाग ने कहा है कि छुट्टियों के बाद जब छात्र स्कूल लौटें तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाए। शिक्षकों से यह भी कहा गया है कि वे पहले दिन का माहौल प्रेरणादायक बनाएं ताकि छात्र दोबारा पढ़ाई में रुचि लें और सकारात्मक ऊर्जा के साथ शिक्षण प्रक्रिया में शामिल हों। छात्रों को शिक्षा की ओर आकर्षित करने के लिए रोचक गतिविधियाँ भी आयोजित की जा सकती हैं।
सभी निर्देशों की निगरानी और रिपोर्टिंग अनिवार्य
ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे अपने अधीन सभी स्कूलों को इन दिशा-निर्देशों की जानकारी तुरंत पहुंचाएं। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि सभी स्कूल इनका पालन करें। इन आदेशों की अनुपालना की समीक्षा की जाएगी, और यदि कहीं लापरवाही पाई गई, तो संबंधित स्कूल प्रमुख की जवाबदेही तय की जाएगी।
निष्कर्ष
शिक्षा विभाग द्वारा जारी ये दिशा-निर्देश यह दर्शाते हैं कि बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और सुरक्षा भी सरकार की प्राथमिकता है। इन आदेशों के पालन से न केवल स्कूल वातावरण बेहतर होगा, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और सीखने की क्षमता पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। सभी स्कूलों को चाहिए कि वे समय रहते सारी तैयारियाँ पूरी कर लें, ताकि 1 जुलाई 2025 से छात्रों का स्वागत पूर्ण रूप से एक स्वच्छ, सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल में किया जा सके।