केंद्रीय विद्यालय में किस भाषा में होती है पढ़ाई, जानिए मीडियम, फी स्ट्रक्चर और फायदे Kendriya Vidyalaya Medium

By Shiv

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Kendriya Vidyalaya Medium

Kendriya Vidyalaya Medium: केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) देश के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में गिने जाते हैं। ये विद्यालय खासतौर पर केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों, रक्षा और पैरा-मिलिट्री बलों के बच्चों की शिक्षा के लिए स्थापित किए गए थे, लेकिन अब इनमें आम नागरिकों के बच्चे भी सीमित सीटों पर प्रवेश पा सकते हैं। यदि आप अपने बच्चे का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में करवाने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यहां पढ़ाई किस मीडियम यानी भाषा में होती है।

केंद्रीय विद्यालय का माध्यम क्या है – हिंदी या इंग्लिश?

केंद्रीय विद्यालयों में द्विभाषी शिक्षा प्रणाली (Bilingual Education System) को अपनाया गया है। इसका मतलब यह है कि पढ़ाई का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं होती हैं। कक्षा 1 से 5 तक ज्यादातर विषयों को दोनों भाषाओं में पढ़ाया जाता है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक स्तर से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पकड़ मजबूत हो सके। इससे भाषा की समझ के साथ-साथ सोचने और अभिव्यक्त करने की क्षमता भी बेहतर होती है।

कक्षा 6 के बाद कैसी होती है पढ़ाई?

कक्षा 6 से लेकर 10वीं तक केंद्रीय विद्यालयों में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय मुख्य रूप से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाए जाते हैं। हिंदी एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल रहती है, जिसे छात्र पढ़ते ही हैं। यह व्यवस्था छात्रों को उच्च शिक्षा और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की दृष्टि से तैयार करती है, जहां अंग्रेजी माध्यम का ज्यादा महत्व होता है।

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कक्षा 11 और 12 में छात्रों को अपनी पसंद के अनुसार स्ट्रीम चुनने का विकल्प मिलता है—आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस। कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम में हिंदी माध्यम में पढ़ाई का विकल्प कई स्कूलों में उपलब्ध होता है, लेकिन साइंस स्ट्रीम में लगभग सभी विषय अंग्रेजी में पढ़ाए जाते हैं।

क्या केंद्रीय विद्यालय में क्षेत्रीय भाषाएं भी पढ़ाई जाती हैं?

हां, कुछ केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक तीसरी भाषा के रूप में क्षेत्रीय भाषाएं जैसे तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, पंजाबी आदि भी पढ़ाई जाती हैं। यह छात्रों को भाषाई विविधता से परिचित कराने और देश की संस्कृति को समझने में मदद करता है।

केंद्रीय विद्यालय का पाठ्यक्रम और किताबें

केंद्रीय विद्यालय में CBSE (Central Board of Secondary Education) के सिलेबस को फॉलो किया जाता है। यहां पढ़ाई के लिए NCERT की किताबों का उपयोग होता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयुक्त भी मानी जाती हैं।

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केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई के फायदे

  1. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा: केंद्रीय विद्यालयों में अनुभवी और प्रशिक्षित शिक्षक पढ़ाते हैं। CBSE सिलेबस और NCERT किताबों के कारण छात्रों को मजबूत शैक्षणिक आधार मिलता है।

  2. प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी: केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर ऐसा होता है कि छात्र JEE, NEET, CUET, UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

  3. कम फीस: निजी स्कूलों की तुलना में केंद्रीय विद्यालय की फीस काफी कम होती है, जिससे मध्यम वर्गीय और सामान्य परिवारों को राहत मिलती है।

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  4. फीस में छूट: SC/ST वर्ग, BPL परिवार, लड़कियां, सैन्य या पैरा-मिलिट्री बलों के बच्चे और KVS कर्मचारियों के बच्चों के लिए ट्यूशन फीस माफ होती है।

  5. ट्रांसफर सुविधा: अगर किसी सरकारी कर्मचारी का ट्रांसफर होता है, तो उनके बच्चे को देश के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में आसानी से ट्रांसफर करके एडमिशन दिया जाता है।

  6. अतिरिक्त गतिविधियों पर ज़ोर: केंद्रीय विद्यालय न सिर्फ पढ़ाई, बल्कि खेल, कला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और एनसीसी जैसी गतिविधियों को भी प्रोत्साहन देता है।

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केंद्रीय विद्यालय की फीस संरचना (2025-26)

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) द्वारा निर्धारित फीस संरचना देशभर में समान होती है, जो इस प्रकार है:

निष्कर्ष

केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों है, जो छात्रों को द्विभाषी बनने का अवसर देता है। यह प्रणाली न सिर्फ भाषा के ज्ञान को बेहतर बनाती है, बल्कि बच्चों को प्रतिस्पर्धी दुनिया के लिए भी तैयार करती है। कम फीस, उत्कृष्ट शिक्षा, और ऑल-राउंड विकास की संभावनाएं केंद्रीय विद्यालय को देश के श्रेष्ठ सरकारी स्कूलों में से एक बनाती हैं। अगर आप अपने बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ उज्जवल भविष्य देना चाहते हैं, तो केंद्रीय विद्यालय एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

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