HDFC Bank New Rules: 1 जुलाई 2025 से देश के दो बड़े निजी बैंकों — एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक — अपने कुछ अहम बैंकिंग नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं। ये बदलाव खास तौर पर क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल, थर्ड-पार्टी वॉलेट ट्रांजेक्शन, एटीएम से नकद निकासी और आईएमपीएस (IMPS) ट्रांसफर से जुड़े हैं। इन नियमों में बदलाव का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। आइए विस्तार से समझते हैं कि क्या बदलेगा और कैसे ये बदलाव आम ग्राहकों को प्रभावित करेंगे।
HDFC बैंक: क्रेडिट कार्ड से लेन-देन पर अतिरिक्त चार्ज
एचडीएफसी बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए कुछ खास श्रेणियों में खर्च पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला लिया है। अगर आप एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नीचे दिए गए उद्देश्यों में करते हैं, तो आपको 1 जुलाई 2025 से अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
1. गेमिंग ऐप्स पर खर्च
अगर आप Dream11, MPL जैसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स में HDFC का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं और आपकी मासिक खर्च सीमा ₹10,000 से ज्यादा हो जाती है, तो अब 1% से ज्यादा का अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
2. थर्ड-पार्टी वॉलेट में लोडिंग
Paytm, Mobikwik, Freecharge, Ola Money जैसे थर्ड-पार्टी वॉलेट में अगर आप ₹10,000 से ज्यादा की रकम अपने क्रेडिट कार्ड से लोड करते हैं, तो इस पर भी 1% अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा।
3. फ्यूल ट्रांजेक्शन
अब पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए HDFC क्रेडिट कार्ड से ₹15,000 से ज्यादा खर्च करने पर 1% एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा। यानी पहले जहां केवल फ्यूल सरचार्ज लगता था, अब इसमें अतिरिक्त शुल्क भी जुड़ जाएगा।
4. यूटिलिटी बिल पेमेंट
अगर आप बिजली, पानी, गैस जैसे यूटिलिटी बिल का भुगतान HDFC क्रेडिट कार्ड से करते हैं और यह ₹50,000 से ज्यादा हो जाता है, तो अब आपको 1% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य डिजिटल ट्रांजेक्शन पर नियंत्रण रखना और बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता लाना है, लेकिन इसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो हर महीने ज्यादा डिजिटल खर्च करते हैं।
ICICI बैंक: ATM और IMPS ट्रांजेक्शन में बदलाव
आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपने ग्राहकों के लिए एटीएम और आईएमपीएस से जुड़े चार्ज में कुछ अहम बदलाव किए हैं। इसका असर भी सीधे उन लोगों पर पड़ेगा जो अक्सर नकद निकालते हैं या तत्काल ट्रांसफर करते हैं।
1. ATM ट्रांजेक्शन के चार्ज में बदलाव
अब मेट्रो शहरों में हर महीने केवल 3 फ्री ट्रांजेक्शन मिलेंगे, जबकि गैर-मेट्रो (छोटे शहरों) में ग्राहकों को 5 ट्रांजेक्शन फ्री मिलेंगे। इसके बाद अगर ग्राहक एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो उन्हें ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा, जो पहले ₹21 था।
अगर ग्राहक केवल बैलेंस चेक या अन्य गैर-वित्तीय सेवाएं करते हैं, तो इसके लिए ₹8.5 प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा। पहले इन सेवाओं पर यह शुल्क थोड़ा कम था।
2. IMPS (तत्काल भुगतान सेवा) ट्रांजेक्शन चार्ज
IMPS सेवा के तहत अब ट्रांजेक्शन पर भी चार्ज लगेगा। यह चार्ज ट्रांजेक्शन अमाउंट के अनुसार तय किया गया है।
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₹1,000 तक: ₹2.5 प्रति ट्रांजेक्शन
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₹1,000 से ₹1 लाख तक: ₹5 प्रति ट्रांजेक्शन
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₹1 लाख से ₹5 लाख तक: ₹15 प्रति ट्रांजेक्शन
इसका अर्थ यह है कि अब तत्काल पैसे भेजने की सुविधा फ्री नहीं रह गई है, और ग्राहकों को इसके लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
ग्राहकों के लिए जरूरी बातें
इन बदलावों को देखते हुए ग्राहकों को अपने बैंकिंग व्यवहार में बदलाव करने की आवश्यकता होगी। क्रेडिट कार्ड का अत्यधिक इस्तेमाल करने वालों को अब अपने खर्चों पर कड़ी नजर रखनी होगी। अगर आप वॉलेट में बड़ी रकम ट्रांसफर करते हैं या गेमिंग ऐप्स में पैसा लगाते हैं, तो अब यह थोड़ा महंगा साबित हो सकता है।
वहीं, ICICI बैंक के ग्राहक जो महीने में बार-बार एटीएम से पैसे निकालते हैं या अक्सर IMPS ट्रांसफर करते हैं, उन्हें भी अब हर बार के ट्रांजेक्शन का हिसाब रखना होगा।
निष्कर्ष
बैंकों द्वारा नियमों में यह बदलाव लागत वसूली, डिजिटल खर्च की निगरानी और सिस्टम की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए हैं। हालांकि, इसका सीधा असर आम ग्राहकों पर पड़ेगा। खासतौर पर वे ग्राहक जिन्हें इन सेवाओं का बार-बार उपयोग करना पड़ता है, उन्हें अब ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा।
ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि ग्राहक अपने खर्चों का विश्लेषण करें और बैंक द्वारा जारी नए नियमों की पूरी जानकारी रखें ताकि अनावश्यक चार्ज से बचा जा सके।
1 जुलाई 2025 से लागू होने जा रहे ये नियम आपके बजट और खर्चों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए अभी से सतर्क रहना ही समझदारी होगी।