Gold Price 10 Gram: वर्तमान समय में सोने की कीमतें अपने चरम पर हैं। भारत समेत पूरी दुनिया में सोने के दामों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। जून 2025 में सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर चुका है, जो कि अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह तेजी न केवल निवेशकों के लिए लाभदायक है, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय भी बन गई है।
सोने की कीमतों में क्यों आई तेजी?
इस साल सोने की कीमतों में आई असाधारण तेजी के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही राजनीतिक अस्थिरता है। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता फैला दी है। ऐसी परिस्थितियों में निवेशक अपने धन को सुरक्षित जगह पर लगाना पसंद करते हैं, और सोना सदियों से सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता रहा है।
इसके अलावा अमेरिका और अन्य देशों के बीच चल रहे व्यापारिक युद्ध और टैरिफ संबंधी मुद्दों ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है। जब वैश्विक स्तर पर व्यापार अस्थिर होता है, तो निवेशक शेयर बाजार या अन्य जोखिम वाले साधनों से हटकर सोने जैसे स्थिर विकल्प की ओर बढ़ते हैं।
अन्य प्रमुख कारण
सोने की कीमतें केवल राजनीतिक कारणों से ही नहीं, बल्कि आर्थिक नीतियों से भी प्रभावित होती हैं। वैश्विक स्तर पर कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें कम कर दी हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बैंक में पैसा रखने से उतना रिटर्न नहीं मिलता, जिससे लोग सोने में निवेश करने लगते हैं।
डॉलर की मजबूती या कमजोरी, मुद्रास्फीति की दर, और वैश्विक आर्थिक नीतियां भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। भारत में सोने की मांग पर शादी-ब्याह का मौसम, त्योहारी समय, और शुभ मुहूर्त जैसे पारंपरिक कारण भी असर डालते हैं।
जून 2025 में सोने की स्थिति
जून के तीसरे सप्ताह में 24 कैरेट सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर चली गई है। 22 कैरेट सोना करीब 92 हजार रुपये और 18 कैरेट सोना लगभग 75 हजार रुपये के आसपास बिक रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी सोने की कीमतें 99 हजार रुपये के पास हैं।
यह वृद्धि अचानक नहीं हुई, बल्कि यह कई महीनों की लगातार बढ़त का नतीजा है। 2025 की शुरुआत में जब सोने का भाव लगभग 76 हजार रुपये था, तब से लेकर अब तक इसमें करीब 35% की बढ़त हुई है। यह किसी भी निवेश के लिहाज से बेहतरीन रिटर्न माना जा सकता है।
निवेशकों की भावना
जब शेयर बाजार अस्थिर होता है या आर्थिक मंदी की आशंका होती है, तो निवेशक अपने पैसे को सुरक्षित स्थान पर लगाने की सोचते हैं। ऐसे समय में सोना एक मजबूत विकल्प बन जाता है। निवेशकों का यही रुझान इस समय सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि का कारण बना हुआ है।
आगे क्या होगा?
2025 के अंत तक सोने की कीमतें कहां तक जा सकती हैं, इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता बनी रही, तो सोना 1 लाख 38 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
वहीं, अगर वैश्विक स्तर पर स्थिति सुधरती है और व्यापारिक तनाव कम होते हैं, तो सोने की कीमतों में गिरावट भी संभव है। कुछ विश्लेषक मानते हैं कि सोना 56 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी आ सकता है।
यह व्यापक उतार-चढ़ाव दर्शाता है कि सोने का बाजार कितना संवेदनशील और अनिश्चित है।
भारतीय बाजार की विशेषता
भारत में सोना केवल निवेश नहीं, बल्कि परंपरा और सांस्कृतिक मूल्य से भी जुड़ा होता है। शादी-विवाह, त्योहारी खरीदारी और उपहार के रूप में सोना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए जब भी कीमतें बढ़ती हैं, आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ता है।
वहीं, निवेशक इस तेजी को लाभ कमाने के अवसर के रूप में देखते हैं। गोल्ड बॉन्ड, ज्वेलरी, और डिजिटल गोल्ड के रूप में निवेश के विकल्प भी अब आम हो चुके हैं।
निष्कर्ष
2025 में सोने की कीमतों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न मिला है। हालांकि भविष्य अनिश्चित है, और कीमतों में गिरावट की भी संभावना बनी हुई है। ऐसे में निवेश से पहले बाजार की स्थिति को समझना जरूरी है।
यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो किसी अनुभवी वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें। बाजार में स्थिरता आने पर कीमतों में उतार-चढ़ाव भी तेज हो सकते हैं, इसलिए सोच-समझकर कदम उठाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। सोने की कीमतें बाजार की स्थितियों पर निर्भर करती हैं और इनमें उतार-चढ़ाव संभव है।