NCTE B.Ed Approval: अगर आप बी.एड (B.Ed) डिग्रीधारी हैं और प्राथमिक स्कूल में शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, तो आपके लिए अब एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बी.एड डिग्रीधारकों को कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह फैसला लाखों युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है, जो लंबे समय से इस नीति में बदलाव की मांग कर रहे थे।
पहले क्या थी स्थिति?
अब तक भारत में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए केवल D.El.Ed या BTC जैसे कोर्स अनिवार्य थे। ऐसे में जो छात्र B.Ed करके शिक्षक बनना चाहते थे, उन्हें केवल माध्यमिक (6 से 8) या उच्च माध्यमिक (9 से 12) स्तर पर पढ़ाने की पात्रता मिलती थी। इस वजह से हजारों योग्य अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती से वंचित रह जाते थे।
नया नियम क्या कहता है?
NCTE के नए नियमों के अनुसार अब B.Ed पास अभ्यर्थी भी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें एक अतिरिक्त पात्रता भी पूरी करनी होगी — उन्हें CTET (Central Teacher Eligibility Test) या राज्य स्तरीय TET परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
इस फैसले से न केवल अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा क्योंकि अधिक शिक्षित और प्रशिक्षित अभ्यर्थी अब बच्चों को पढ़ाएंगे।
यह बदलाव क्यों आया?
यह निर्णय न्यायालयी हस्तक्षेप के बाद लिया गया है। कई बी.एड धारकों ने अदालत में याचिकाएं दाखिल की थीं कि उन्हें भी प्राथमिक शिक्षा में अवसर मिलना चाहिए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय सहित अन्य न्यायालयों ने केंद्र सरकार और NCTE से इस विषय में स्पष्टीकरण मांगा था।
न्यायालय के निर्देश और समाज के विभिन्न वर्गों से मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए, आखिरकार NCTE ने अपनी पुरानी नीति में बदलाव किया है।
क्या है पात्रता शर्तें?
B.Ed धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
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उम्मीदवार के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से B.Ed की डिग्री होनी चाहिए।
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उसे CTET या राज्य TET परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
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परीक्षा में पास होने के बाद ही वह सरकारी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकता है।
किन विषयों पर देना होगा ध्यान?
TET या CTET परीक्षा में निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:
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बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy)
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हिंदी और अंग्रेजी भाषा की समझ
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गणित
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पर्यावरण अध्ययन
B.Ed धारकों को इन विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि इन्हीं से उनकी शिक्षण क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा।
किन राज्यों को मिलेगा अधिक लाभ?
यह नियम पूरे भारत में लागू होगा, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ उन राज्यों को मिलेगा जहां प्राथमिक शिक्षक के पद खाली हैं, जैसे:
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उत्तर प्रदेश
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बिहार
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मध्य प्रदेश
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राजस्थान
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छत्तीसगढ़
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झारखंड
इन राज्यों में अब B.Ed धारक भी D.El.Ed धारकों के साथ प्रतिस्पर्धा में शामिल हो सकेंगे।
B.Ed धारकों को क्या करना चाहिए?
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CTET या राज्य TET की तैयारी तुरंत शुरू करें।
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बाल मनोविज्ञान, प्राथमिक शिक्षा के सिद्धांत, गणित, और भाषा विषयों को अच्छी तरह समझें।
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समय-समय पर जारी होने वाली सरकारी भर्ती अधिसूचनाएं चेक करते रहें।
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मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें।
इस फैसले के दीर्घकालिक लाभ
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शिक्षा क्षेत्र में अधिक योग्य शिक्षक जुड़ेंगे।
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शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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B.Ed धारकों को करियर की नई शुरुआत करने का अवसर मिलेगा।
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ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक की कमी को दूर किया जा सकेगा।
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NEP 2020 (नई शिक्षा नीति) के तहत तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
क्या यह फैसला अंतिम है?
जी हां, यह फैसला अब लागू हो चुका है और इसे NCTE की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, हर राज्य सरकार अपनी जरूरत के अनुसार पात्रता और प्रक्रिया को लागू करती है। इसलिए राज्य की आधिकारिक वेबसाइट और अधिसूचनाएं जरूर चेक करते रहें।
निष्कर्ष
B.Ed धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनने की अनुमति मिलना भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन है। इससे लाखों शिक्षित युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे और बच्चों को भी बेहतर शिक्षक मिल सकेंगे।
अगर आपने भी B.Ed किया है और अब तक रोजगार की तलाश में हैं, तो यह सही समय है कि आप CTET या TET की तैयारी शुरू करें और सरकारी शिक्षक बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।