4 Day Work Week: आज की तेज रफ्तार ज़िंदगी में, हर व्यक्ति को निजी जीवन और काम के बीच संतुलन की तलाश है। लगातार काम के दबाव, तनाव और सीमित समय ने वर्क-लाइफ बैलेंस को एक जरूरी मुद्दा बना दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर में 4 Day Work Week यानी हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी की व्यवस्था तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
इस लेख में हम जानेंगे कि किन-किन देशों ने इस मॉडल को अपनाया है, क्या रहा इसका असर, और भारत में इसे लेकर क्या चल रही है तैयारी।
🌍 दुनियाभर में कहां-कहां लागू हुआ 4 Day Work Week?
1. दुबई – सरकारी स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव
दुबई सरकार ने 2022 में 4.5 दिन का कार्य सप्ताह लागू किया और गर्मियों में इसे और लचीला बनाते हुए चार दिन का वर्क वीक कर दिया गया। इससे सरकारी कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ी, तनाव घटा और वर्क सैटिस्फैक्शन में सुधार हुआ। खासतौर पर भारतीय प्रवासी कर्मचारियों ने इस पहल की सराहना की।
2. आइसलैंड – सफल पायलट प्रोजेक्ट
2015 से 2019 के बीच आइसलैंड में करीब 2,500 कर्मचारियों पर आधारित पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया।
नतीजा:
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उत्पादकता में गिरावट नहीं आई
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कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हुआ
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परिवार के साथ समय बढ़ा
इसके बाद कई कंपनियों ने इसे स्थायी तौर पर लागू कर दिया।
3. यूके – “100:80:100” मॉडल
2022 में UK की 61 कंपनियों और 3,000 कर्मचारियों ने इस मॉडल में भाग लिया:
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100% वेतन
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80% समय
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100% उत्पादकता
इस मॉडल को 89% कंपनियों ने अपनाया और स्थायी नीति बना दी। इससे साबित हुआ कि कम काम के घंटों से भी उतना ही आउटपुट संभव है।
4. जापान – माइक्रोसॉफ्ट का उदाहरण
काम के लिए मशहूर जापान में Microsoft Japan ने 2019 में चार दिन का वर्क वीक लागू किया।
परिणाम:
कंपनी की उत्पादकता 40% तक बढ़ गई।
यह आंकड़ा इतना प्रभावशाली था कि कई जापानी कंपनियों ने इस मॉडल को गंभीरता से अपनाने पर विचार शुरू किया।
5. बेल्जियम – कानूनी अधिकार और लचीलापन
2022 में बेल्जियम सरकार ने चार दिन के कार्य सप्ताह को कानूनी मान्यता दी।
खास बातें:
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वेतन में कोई कटौती नहीं
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कर्मचारियों को अधिकार कि वे काम के बाद ऑफिस मैसेज को नजरअंदाज कर सकते हैं
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वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर हुआ
6. न्यूजीलैंड – ट्रस्ट कंपनी ने बदली नीति
2018 में न्यूजीलैंड की एक ट्रस्ट कंपनी ने आठ हफ्तों तक यह मॉडल अपनाया।
परिणाम:
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तनाव में कमी
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उत्पादकता में बढ़ोतरी
इस सफलता के बाद कंपनी ने 4 Day Work Week को स्थायी बना लिया।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में भी इस पर विचार किया जा रहा है। श्रम संहिता 2025 (New Labour Code) के तहत प्रस्ताव रखा गया है कि:
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यदि कोई कर्मचारी सप्ताह में 48 घंटे कार्य करता है, तो वह चार दिन काम और तीन दिन की छुट्टी पा सकता है।
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लेकिन इसके लिए उसे हर दिन 12 घंटे की शिफ्ट करनी होगी।
क्या है चुनौतियां?
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भारत में अभी भी पारंपरिक 6-दिन कार्य सप्ताह की संस्कृति है।
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कंपनियों को लचीली सोच, प्रबंधन में बदलाव और वर्क ट्रैकिंग के आधुनिक सिस्टम अपनाने की जरूरत है।
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विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, हेल्थ जैसे क्षेत्रों में यह बदलाव आसान नहीं होगा।
🎯 4 Day Work Week के फायदे
✅ मानसिक तनाव में कमी
✅ परिवार और दोस्तों के लिए समय
✅ प्रोफेशनल सैटिस्फैक्शन में वृद्धि
✅ प्रोडक्टिविटी में सुधार
✅ कम हायरिंग और लोअर टर्नओवर रेट
❓ क्या भारत तैयार है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में इसे लागू करने से पहले:
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नियोक्ताओं की सोच में बदलाव,
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टेक्नोलॉजी का सही उपयोग,
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और वर्क आउटपुट की मॉनिटरिंग व्यवस्था स्थापित करनी होगी।
हालांकि, बड़े शहरों में स्थित आईटी, मीडिया, कंसल्टेंसी जैसी कुछ कंपनियों ने पायलट लेवल पर 4 डे वर्क वीक शुरू कर दिया है।
🔚 निष्कर्ष
4 Day Work Week न केवल कर्मचारियों की खुशहाली और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि इससे कंपनियों को भी बेहतर प्रदर्शन और उत्पादकता मिलती है। अगर भारत इस दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ता है तो यह कामकाजी संस्कृति में ऐतिहासिक बदलाव साबित हो सकता है।